Betul News: बैतूल। जिले के शाहपुर तहसील अंतर्गत आने वाले डेंडूपुरा गांव के जनजातीय सदस्यों ने राज्यपाल के नाम बैतूल कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें निस्तार भूमि के संरक्षण की मांग की गई है। ज्ञापन में न्यायालय कलेक्टर के खिलाफ पेसा नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए विवादित भूमि को ग्राम सभा के अधिकार में रखने की अपील की गई है।
जनजातीय सदस्यों ने बताया कि विवादित भूमि, जो कि खसरा नंबर 147/1 में दर्ज है, का रकबा 5.000 हेक्टेयर है। यह भूमि मिशल बंदोबस्त वर्ष 1916-17 के रिकॉर्ड के अनुसार बड़े झाड़ जंगल के रूप में दर्ज है। 1955 में इसे ग्रामीणों के लिए इमारती एवं जलाऊ लकड़ी के लिए और भूमिहीन कृषकों को कृषि कार्य के लिए निस्तार भूमि के रूप में नियुक्त किया गया था।
Betul News: बैतूल कलेक्टर के खिलाफ पेसा नियमों के उल्लंघन का आरोप
- यह भी पढ़ें : Betul Ki Khabar: मां ताप्ती को अर्पित होगी 101 धर्म ध्वजाएं, विशेष वेशभूषा में नजर आएंगे भजन मण्डल
सर्वोच्च न्यायालय ने जगपाल सिंह बनाम राज्य पंजाब मामले में निस्तार भूमि को ग्राम सभा के अधिकार में रखने का आदेश दिया था। इस आदेश में कहा गया था कि ग्राम सभाओं के पास साझा उपयोग की भूमि को अवैध कब्जाधारियों से मुक्त कराना चाहिए। इस मामले को लेकर जनजातीय सदस्यों ने आरोप लगाया है कि पेसा नियम 2022 के तहत ग्राम सभा की अनुमति के बिना ही इस भूमि को मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग को हस्तांतरित कर दिया गया है। (Betul News)
- यह भी पढ़ें : Awasiya Bhu Adhikar Yojana 2024: मध्य प्रदेश के इन परिवारों को घर बनाने के लिए मिलेगा फ्री प्लॉट, जानिए कैसे करें आवेदन
ग्राम सभा की अनदेखी का आरोप
ज्ञापन में जनजातीय सदस्यों ने आरोप लगाया है कि कलेक्टर न्यायालय ने पेसा नियमों के तहत गठित ग्राम सभा के बगैर अभिमत विवादित भूमि को हस्तांतरित कर दिया। ग्रामवासी इस हस्तांतरण पर असहमत हैं और चाहते हैं कि विवादित भूमि को पूर्व की तरह ही ग्राम सभा के अधिकार में रखा जाए।
ज्ञापन में जनजातीय सदस्यों ने आग्रह किया है कि विवादित भूमि को यथावत रखा जाए और किसी भी प्रकार के हस्तांतरण पर रोक लगाई जाए। उन्होंने कहा कि यह भूमि ग्राम समुदाय के साझा लाभ के लिए है और इसका संरक्षण जरूरी है। जनजातीय सदस्यों ने राज्यपाल और जिला प्रशासन से इस मामले में उचित कार्यवाही करने की अपील की है। (Betul News)
उन्होंने आग्रह किया कि ज्ञापन पर गंभीरता से विचार किया जाए और ग्राम सभा के अधिकारों का संरक्षण सुनिश्चित किया जाए।
ज्ञापन देने वालों में लालसिंह भलावी, देवीसिंह भलावी, अशोक उइके, पंजाब राव, गणपत, बाबूलाल, भैयालाल गोपाल भलावी, रामेश्वर, अनिल परते, अच्छेलाल, घनश्याम उइके, अंतू, महेश, राम बिहारी, छोटे, बालकिशन, दिनेश सलाम, सुरेश, सुखमण भलावी, संतोष, भैयालाल, किशोर, संतु, शिवचरण, भिकारी, राम सिंह, प्रेमवती सहित अनेक ग्रामीण शामिल थे। (Betul News)