बैतूल। भारतीय सिनेमा में आदिवासी अंचल बैतूल जिले को भी पहचान मिल रही है, महाकाल मोशन पिक्चर्स एवं करण कश्यप फिल्म द्वारा “लमझना” नामक फिल्म बनाई जा रही है, जो भारत की पहली गोंडी फिल्म है। फिल्म “लमझना” की शूटिंग का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा बैतूल के चिचोली हरसूद के आसपास सूट किया गया है।
इस क्षेत्र की प्राकृतिक सौंदर्य ने फिल्म की कहानी को और भी ज्यादा जीवंत बनाया है। इस फिल्म में बैतूल के कलाकार भी नजर आएंगे। फिल्म के लिए एक गाना भी रिकॉर्ड किया गया है, जिसे मुंबई के प्रसिद्ध स्टूडियो में बनाया गया है। यह फिल्म सिनेमा के विभिन्न पहलुओं में एक नई किरण के रूप में उभर रही है और उम्मीद है कि यह गोंडी फिल्म सिनेमा जगत को नई ऊँचाइयों तक पहुंचाएगी।
फिल्म के गाने को मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध लोक कलाकार सतीश के इवने द्वारा गीतबद्ध किया गया है जो जल्द ही सबके बीच होगा। उल्लेखनीय है कि सतीश के इवने चिचोली के ग्राम पंचायत हरदू के रहने वाले हैं। ऐसा पहला अवसर है जब कोई गोंडी गाना मुंबई में रिकॉर्ड हुआ है, सतीश के इवने ने बताया कि फिल्म लमझना के लिए तीन गाने को मुंबई में रिकॉर्ड किया गया है, जो स्वयं उनके द्वारा रचित है।
उन्होंने बताया फिल्म लमझना आदिवासी प्रथा पर आधारित फिल्म है, जिसकी 80 प्रतिशत शूटिंग बैतूल के चिचोली हरसूद के आसपास सूट की गई है। शेष फिल्म की शूटिंग जल्द ही पूरी की जाएगी। फिल्म में बैतूल के ही आदिवासी कलाकारों को लिया गया है। फिल्म के निर्देशक करण कश्यप है। फिल्म के एसोसिएट डायरेक्टर अमित कसेरा ने बताया कि बैतूल मुंबई के प्रोडक्शन को बैतूल की लोकेशन बहुत पसंद आ रही है।
जल्द ही बैतूल में आगामी कई प्रोजेक्ट आने की संभावना है। फिल्म लमझना उसी की एक कड़ी है। लमझना फिल्म में स्थानीय आदिवासी कलाकारों को मौका दिया गया है। पहली बार ऐसा हुआ है कि मध्य प्रदेश में शूट कोई फिल्म में 98 प्रतिशत लोग मध्य प्रदेश के ही है।