Betul Ki Khabar: बैतूल। भैंसदेही में विगत 13 अगस्त की रात को आदिवासी युवक संजू कास्देकर पर हुए जानलेवा हमले ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया है। संजू पर 20-25 बदमाशों ने हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया। जयस संगठन ने इस घटना को लेकर सख्त कार्रवाई की मांग की है और न्याय न मिलने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है। घटना से आक्रोशित संगठन ने भैंसदेही में थाना प्रभारी को ज्ञापन सौंपा और आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने की मांग की।
कौड़िया निवासी संजू कास्देकर, जिओ कंपनी में काम करता है, 13 जनवरी की रात करीब 12 बजे संजू पर हमला हुआ। आरोप है कि कुछ अज्ञात लोग संजू को उसके कमरे से बाहर खींचकर ले गए और फिर भैंसदेही के बाहर ले जाकर महेन्द्र बेले के साथियों ने उस पर और उसके दोस्त केशव राव वर्टी पर जानलेवा हमला किया। करीब 20-25 लोगों ने संजू कास्देकर को घेरकर लात-घूंसे और हथियार से वार किया।
मारपीट के दौरान संजू को जमीन पर गिराकर बेरहमी से पीटा गया, जिससे उसके सिर से खून बहने लगा। राहगीरों की मदद से संजू को बेहोशी की हालत में भैंसदेही के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसकी गंभीर स्थिति देखते हुए उसके सिर पर 4 से अधिक टांके लगाए। इस घटना के बाद, बदमाशों ने धमकी दी कि यदि पुलिस में शिकायत की तो उसे जान से मार दिया जाएगा। इस पूरे मामले को लेकर जयस संगठन ने आक्रोश जताया है।
जिला स्तर पर भैंसदेही में बड़ा आंदोलन की चेतावनी
जयस के ब्लॉक अध्यक्ष सुनील मर्सकोले ने कहा कि आदिवासी युवकों पर लगातार हो रहे हमलों के खिलाफ प्रशासन को सख्त कदम उठाने चाहिए। उन्होंने मांग की कि हमलावरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, अन्यथा जयस संगठन जिला स्तर पर भैंसदेही में बड़ा आंदोलन करेगा। संगठन के उपाध्यक्ष धीरज उइके ने कहा कि ऐसी घटनाएं क्षेत्र का माहौल बिगाड़ रही हैं। दोषियों को तुरंत जेल भेजा जाना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। पीड़ित संजू कास्देकर ने बताया कि महेन्द्र बेले और उसके साथियों ने उसे धोखे से बुलाकर जानलेवा हमला किया।
उन्होंने बताया कि उन्हें जमीन पर गिराकर बेरहमी से पीटा गया और जानलेवा हथियार से सिर पर वार किया गया, जिससे वह बेहोश हो गए। इस पूरे मामले में जयस संगठन ने कार्रवाई की मांग करते हुए थाना प्रभारी भैंसदेही में ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन सौंपने के दौरान मोहनलाल वर्टी, राजू अखंडे, केशवराव वर्टी, सुनील मर्सकोले, आनंद कवडे, श्यामराव इरपाचे, गोलू इरपाचे, ईश्वर चिल्हाटे, किशोर दहिकर समेत अन्य कार्यकर्ता भी उपस्थित थे।