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Betul Ki Khabar: पश्चिम वन मंडल जंगल की आग पर काबू करने दिए दिशा-निर्देश

By Devika Ughade

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Betul Ki Khabar: पश्चिम वन मंडल जंगल की आग पर काबू करने दिए दिशा-निर्देश
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Betul Ki Khabar: बैतूल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव पर्यावरण संरक्षण के प्रति बेहद गंभीर नज़र आ रहे हैं। ऐसे में वन संपदा, सघन वन और वन्यजीवों से समृद्ध बैतूल जिले के पश्चिम वन मंडल में पिछले कुछ वर्षों में गर्मी के सीजन में आग लगने की घटनाएं बढ़ती जा रही थीं। 95 हजार हेक्टेयर वाले इस वन मंडल में आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए डीएफओ वरुण यादव ने रेंजरों, वनकर्मियों और वनवासियों से सुझाव लेकर एक कारगर योजना तैयार की।

इस योजना का नतीजा यह हुआ कि चालू सत्र में पश्चिम वन मंडल के जंगलों में 99 प्रतिशत आगजनी की घटनाओं को रोका जा सका। यह सफलता डीएफओ द्वारा शुरू किए गए संयुक्त वन प्रबंधन कार्यक्रम की वजह से मिली है। इस उपलब्धि के लिए पश्चिम वन मंडल को राज्य स्तर पर सम्मानित किया जाएगा।

Betul Ki Khabar: पश्चिम वन मंडल जंगल की आग पर काबू करने दिए दिशा-निर्देश

यह है संयुक्त वन प्रबंधन कार्यक्रम (Betul Ki Khabar)

पश्चिम वन मंडल में पांच रेंजो की 123 बीटों में से 88 बीट सेंसिटिव मानी जाती थीं। 95 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल वाले इस वन मंडल का 72 प्रतिशत वन क्षेत्र आगजनी के लिए संवेदनशील था। डीएफओ वरुण यादव ने जमीनी स्तर पर पहुंचकर आगजनी के कारणों का विश्लेषण किया। जंगल के चरवाहों, वन सुरक्षा समिति के सदस्यों, बीट गार्ड्स, डिप्टी रेंजरों, और रेंजरों से सुझाव मांगे गए। इन तथ्यों के आधार पर संयुक्त वन प्रबंधन कार्यक्रम तैयार किया गया।

ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को जागरूक करने के लिए जन जागरूकता अभियान चलाया गया। नुक्कड़ सभाएं, ऑडियो-वीडियो माध्यमों से आग रोकने के उपायों को फैलाया गया। महुआ के सीजन में जंगल में आग नहीं लगाने के लिए ग्रामीणों को प्रेरित किया गया। पिछले चार महीनों में वन मंडल की 166 वन समितियों और ग्रामीणों ने अग्नि सुरक्षा को लेकर 748 बैठके कीं।

जंगल में आग के आंकड़े (Betul Ki Khabar)

संयुक्त वन प्रबंधन के माध्यम से लगभग 99 प्रतिशत आग पर वन मंडल में काबू पाया गया है।

  • वर्ष 2021 में 1299 आगजनी की घटना, 478 हेक्टेयर वन भूमि को नुकसान।
  • वर्ष 2022 में 765 आगजनी की घटना, 338 हेक्टेयर वन भूमि को नुकसान।
  • वर्ष 2023 में 55 आगजनी की घटना, 45 हेक्टेयर वन भूमि को नुकसान।
  • वर्ष 2024 में 12 आगजनी की घटना, केवल 9 हेक्टेयर वन भूमि को नुकसान।

ऐसे से रोका गया जंगल में लगने वाली आग को

डीएफओ के इस कार्यक्रम में सबसे पहले लापरवाही से लगने वाली आग को रोकने के लिए आम जनता को जागरूक किया गया। ग्रामीणों की मूलभूत सुविधाओं को पूरा कर उन्हें जंगल के प्रति लगाव बढ़ाया गया। ग्रामीण युवाओं को वनों से जोड़ने के लिए विभिन्न खेलों और प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। वन अधिकारियों, कर्मचारियों और वन सुरक्षा समितियों को सक्रिय किया गया।

वनों की सुरक्षा में लगे अग्नि प्रहरियों और सुरक्षा श्रमिकों को आग की घटनाओं पर तत्काल कार्रवाई के लिए प्रशिक्षित किया गया। हर रेंज में एक स्पेशल फायर फाइटर फोर्स तैयार की गई। आग बुझाने के लिए आधुनिक मशीनों का उपयोग किया गया, जिसमें फायर ब्लोवर, लाइन जलाई, लाइन कटाई, फायर वाचर, और वॉच टॉवर शामिल थे। (Betul Ki Khabar)

वन के साथ ही जंगली जीवों के बचाएं गए प्राण (Betul Ki Khabar)

जंगल में आग लगने की घटनाओं से वनों की जैव विविधता, वन्य जीवों, और पर्यावरण को भारी नुकसान होता है। आगजनी से पौधे, दुर्लभ जड़ी-बूटियाँ, और वनस्पतियाँ नष्ट हो जाती हैं। डीएफओ वरुण यादव के संयुक्त वन प्रबंधन कार्यक्रम ने इस नुकसान को काफी हद तक कम किया है। इस सराहनीय कार्य के लिए पश्चिम वन मंडल को जल्द ही राज्य स्तर पर सम्मानित किया जाएगा। डीएफओ वरुण यादव और उनकी टीम के प्रयासों ने प्रदेश में वन संरक्षण की दिशा में एक मिसाल कायम की है। (Betul Ki Khabar)

Devika Ughade

ऑनलाइन न्‍यूज पोर्टल पर लंबे समय से कार्य कर रही हूं। मुझे इंटरटेनमेंट, वायरल, ट्रेंडिग पोस्‍ट बनाने का 2 साल का अनुभव है। मैने बैतूलअपडेट, ताप्‍ती दर्शन, सांझवीर, यथार्थ योद्धा वेबसाइट पर काम किया है। अब मैं बैतूल मिरर के साथ जुड़ी हूं।

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