Betul Samachar: बैतूल। महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान के तत्वावधान में ई.एफ.ए. शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैतूल गंज में संस्कृत सप्ताह का आयोजन 16 अगस्त से 22 अगस्त 2024 तक किया जा रहा है। विद्यालय के प्राचार्य ललितलाल लिल्होरे के मार्गदर्शन में यह आयोजन श्रावण मास में संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार की दृष्टि से प्रतिवर्ष आयोजित होता है। इस अवसर पर सरस्वती पूजन और समस्त शिक्षकों एवं छात्राओं को तिलक लगाकर कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।
प्राचार्य ललितलाल लिल्होरे ने संबोधित करते हुए कहा, संस्कृत विश्व की सबसे पुरानी भाषा है, जिसे देवभाषा भी कहा जाता है। भारतीय उपमहाद्वीप की कई भाषाएं जैसे हिंदी, बांग्ला, मराठी, सिन्धी, पंजाबी, और नेपाली संस्कृत से ही उत्पन्न हुई हैं। उन्होंने संस्कृत भाषा के समृद्ध इतिहास और परंपराओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह भाषा व्याकरण और वाक्य-विन्यास की अत्यधिक विकसित प्रणाली के साथ दुनिया की सबसे जटिल भाषाओं में से एक है।
वरिष्ठ अध्यापक वासुदेव काले ने संस्कृत भाषा की उत्पत्ति और विकास पर जानकारी देते हुए बताया कि संस्कृत का प्रारंभिक रूप वैदिक संस्कृत के रूप में जाना जाता था और इसका उपयोग मुख्य रूप से धार्मिक और औपचारिक उद्देश्यों के लिए किया जाता था। भारतीय साहित्य की कई कृतियां जैसे महाभारत और रामायण संस्कृत में लिखी गई थीं और यह भाषा हिंदू, बौद्ध, और जैन धर्मों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
संस्कृत शिक्षक द्वारका पवार ने बताया कि संस्कृत सप्ताह के अंतर्गत संस्कृत दिनाचरण, संस्कृत गीत, व्याख्यान, श्रावणी उपाकर्म, वेद पूजन, संस्कृत शिक्षण की जानकारी, संस्कृत क्रीडोत्सव, संस्कृत प्रतियोगिता, और संस्कृत संध्या कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों में गीत गायन, कविता, गज्जलिका, संस्कृत भजन आदि शामिल होंगे, साथ ही संस्कृत विद्वानों द्वारा बौद्धिक चर्चा भी होगी। शिक्षक महेश गुंजेले ने बताया कि संस्कृत सप्ताह का समापन संस्कृत विद्वानों द्वारा बौद्धिक चर्चा के साथ किया जाएगा। संस्कृत सप्ताह के उद्घाटन के अवसर पर विद्यालय की छात्राएं, शिक्षक, और शिक्षिकाएं विशेष रूप से उपस्थित रहीं।