MPPSC Success Story : कहते है जहां चाह, वहां राह होती है। यह बात सटीक साबित हो रही है, बैतूल के शंकर वार्ड के टेलीफोन कालोनी निवासी आकांक्षा धुर्वे पर। इस मेधावी छात्रा ने बीती रात आए एमपीपीएससी के परिणामों में बैतूल के लोगों को खुशी मनाने का अवसर दिया। आकांक्षा का चयन जिला पंजीयक के पद पर हुआ है। इससे पूरे परिवार और पड़ोसियों में हर्ष का माहौल है। सबसे बड़ी बात यह है कि आकांक्षा ने यह मुकाम सेल्फ स्टडी के बलबुते हासिल कर एमपीपीएससी की तैयारी कर रहे अन्य विद्यार्थियों के लिए किसी सीख से कम नहीं है।
सिविल सर्जन कार्यालय बैतूल के मुख्य लिपिक जयराम धुर्वे और कल्याणपुर में पदस्थ माध्यमिक शिक्षिका मीना धुर्वे की पुत्री आकांक्षा धुर्वे की प्रारंभिक पढ़ाई लिटिल फ्लावर स्कूल से हुई थी। इसके बाद आकांक्षा ने भोपाल से बीएएमएस में प्रवेश लिया। बीएएमएस की डिग्री हासिल करने के बाद होनहार छात्रा ने प्रशासनिक सेवा में जाने का लक्ष्य निर्धारित किया था। इसी वजह बीएएमएस की डिग्री हासिल करने के बाद किसी अस्पताल में जॉब करने की बजाय भोपाल में ही रहकर एमपी पीएससी की तैयारियां शुरू कर दी। वर्ष 2021 में आकांक्षा ने एमपी पीएससी की परीक्षा दी थी।
MPPSC Success Story : बैतूल की बेटी का कमाल, पूरे MP में एक लौती जिला पंजीयक बनी आकांक्षा धुर्वे
इसके बाद मई 2022 में भी एमपीपीएससी की परीक्षा (MPPSC Success Story) में शामिल हुई। इस परीक्षा में आकांक्षा को सफलता मिली तो सफलता हासिल हुई तो उसका उत्साह दोगुना हो गया। आकांक्षा ने बताया कि मेन्स एग्जाम के लिए उसने पढ़ाई शुरू की और जुलाई 2023 में मेन्स परीक्षा भी उत्तीर्ण कर ली। सफलता का क्रम यहीं नहीं रूका और मेहनत का परिणाम यह हुआ कि पिछले महीने मई में इंदौर में साक्षात्कार देकर आई थी।
परिणाम आए तो पूरा परिवार खुशी से झूम उठा (MPPSC Success Story)
गुरूवार की रात एमपी पीएससी के परिणाम के वर्ष 2022 के परिणाम घोषित किए। आकांक्षा ने आंख बंद कर परिणामों को देखा तो उसकी खुशी का ठिकाना दोगुना हो गया। यह खबर उसने सबसे पहले माता-पिता और भाई अंकित धुर्वे को दी। दरअसल परीक्षा परिणाम में आकांक्षा का चयन जिला पंजीयक के पद पर हुआ था। खुशी के इस क्षण में पूरे परिवार के अलावा पड़ोसियों और अन्य लोगों ने भी आकांक्षा को घर पहुंचकर बधाई दी। इस दौरान उनके माता-पिता के आंखोंं से खुशी के आंसू छलक पड़े।
अगला लक्ष्य यूपीएससी क्रेक करने का (MPPSC Success Story)
आकांक्षा ने एमपीपीएससी की परीक्षा क्रेक करने के बाद बताया कि उसके लिए सेल्फ स्टडी को महत्व दिया। मम्मी-पापा ने कोचिंग करने के लिए भी प्रेरित किया था, लेकिन उसे भरोसा था कि सेल्फ स्टडी के लिए नोट्स बनाकर भी सफलता हासिल की जा सकती है। लक्ष्य निर्धारित कर पहले प्री और बाद में मेन्स एग्जाम क्लीयर किया तो उत्साह दो$गुना हो गया।
इसी से साक्षात्कार काफी अच्छा गया और उम्मीद थी कि किसी अच्छे पद पर चयन होगा। हालांकि आकांक्षा का कहना है कि वे डिप्टी कलेक्टर का पद चाह रही थी, इसके लिए उसका नाम वेटिंग में है। उसने बताया कि भविष्य में वह यूपीएससी की भी तैयारी करेगी। (MPPSC Success Story)