बैतूल। प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी मातृभाषा मंच का दो दिवसीय कार्यक्रम विभिन्न भाषाई समाजों की भागीदारी से 11 एवं 12 मई को भोपाल में सम्पन्न हुआ। ग्रुप के प्रमुख प्रदीप कृष्णन के सानिध्य में कलांजलि ग्रुप द्वारा तमिल संगम कावड़ी अट्टम नृत्य की प्रस्तुति दी गई। ग्रुप में याशिका, दर्शना, पंखुड़ी, श्रेमा, श्रेया निष्ठा, राधा, सौम्या, तन्वी, अनिका, मनस्वी ने शानदार प्रस्तुति दी।
एकलव्य लोक कला समिति बैतूल के संचालक महेश इंग्ले ने इन सभी कलाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। राजधानी कलांजलि ग्रुप के कलाकारों ने 17 मिनट में रामायण का मंचन किया। प्रदीप कृष्णन ने बताया कि आदौ राम तपोवनादि गमनं, हत्वा मृगं कंचनम। वैदेहिहरणं जटायुमरणं, सुग्रीवसंभाषणम्।
बालिनिर्दलानं समुद्रतरणं, लंकापुरीदाहनम्। पश्चाद रावण कुंभकर्ण हननम्, ऐतद्धि रामायणम्। इस श्लोक में संपूर्ण रामायण का सार 17 मिनट का है, जिसमें संपूर्ण रामायण का सार है। उन्होंने बताया कार्यक्रम में 13 अलग-अलग समाजों के बालक और बालिकाओं ने रंगारंग प्रस्तुतियां दी। वहीं, आकर्षण का केंद्र छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा प्रचलित ‘होन’ मुद्रा और विभिन्न भाषाई समाजों के व्यंजन रहे।
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मध्यभारत प्रांत के प्रांत संघचालक अशोक पाण्डेय, मुख्य वक्ता डॉ. पीएस बिंद्रा और मातृभाषा संगठन के अध्यक्ष संतोष सिंह रावत उपस्थित रहे। कार्यक्रम में 13 भाषाई समाज के लोगों द्वारा विभिन्न देशज व्यंजनों के स्टॉल लगाए। कार्यक्रम में आए लोगों ने व्यंजनों का स्वाद लेने के साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद भी लिया।
बाल कलाकारों ने लोक नृत्यों की रंगारंग प्रस्तुतियां दी, जिनमें गुजराती, बंगाली, छत्तीसगढ़ी, ओडिसी, महाराष्ट्रीयन, मलयाली और तमिल सहित 13 भाषाई समाजों के नृत्य शामिल रहे। भारतीय संस्कृति पर आधारित प्रदर्शनी में लगे चित्र दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित कर रही थी। प्रदर्शनी में ऋषि-मुनियों और हमारे तत्वों के चित्र लगाए गए थे।