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कांजी हाउस में रखा कबाड़, सड़क पर विचरण कर रहे मवेशी

By BETUL MIRROR

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आठनेर नगर में आवारा पशुओं का आतंक, नगर परिषद की निष्क्रियता से कांजीहाउस बना कबाड़ा हाउस

बैतूल। आठनेर में विचरण कर रहे बेसहारा मवेशियों को रखने के लिए संचालित कांजीहाउस में कबाड़ रखा है और मवेशी सड़कों में खुला घूम रहे हैं। गोवंश को संरक्षित रखने के नाम पर नगर परिषद आठनेर द्वारा इस कदर उदासीनता बरती जा रही है कि मवेशियों को अब तक स्थाई ठौर नहीं मिल पा रहा है। सड़क पर खुला घूम रहे मवेशी शहर में जहां गंदगी कर रहे हैं वहीं यातायात व्यवस्था भी ध्वस्त कर रहे हैं। वहीं सड़क पर चलते राहगीरों को भी खदेड़ रहे हैं। लाखों खर्च कर बनाया गया कांजीहाउस निष्प्रयोज्य पड़ा है। उपयोग न होने से कांजी हाउस बदहाल हो गया है।

बदहाल पड़े कांजी हाउस को गौशाला में तब्दील कर उपयोग में लिया जा सकता है लेकिन जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रह हैं। नगर परिषद आठनेर की निष्क्रियता के कारण नगर में आवारा पशुओं का आतंक बढ़ता जा रहा है। कांजीहाउस की जीर्णशीर्ण स्थिति और अव्यवस्था से नागरिकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आठनेर के कांजीहाउस की हालत अत्यंत खराब हो चुकी है। यह स्थान, जो आवारा पशुओं को रखने के लिए बनाया गया था, अब कबाड़ से भर चुका है। वहां न तो पशुओं के लिए उचित व्यवस्था है और न ही उनकी देखभाल करने वाला कोई है। कांजीहाउस की इस दुर्दशा के कारण आवारा पशु खुले में घूम रहे हैं, जिससे नगर में दुर्घटनाओं और असुविधाओं का खतरा बढ़ गया है।

आवारा पशुओं का आतंक

नगर में आवारा पशुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। ये पशु सड़कों पर और सार्वजनिक स्थानों पर घूमते रहते हैं, जिससे यातायात में बाधा उत्पन्न होती है और लोग दुर्घटनाओं का शिकार हो जाते हैं। कई नागरिकों ने इस समस्या की शिकायत की है, लेकिन नगर परिषद की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।

नागरिकों की मांग

नगरवासियों ने नगर परिषद से मांग की है कि कांजीहाउस की स्थिति को तुरंत सुधारा जाए और आवारा पशुओं को वहां रखा जाए। इसके साथ ही, कांजीहाउस की सफाई और व्यवस्था के लिए नियमित निरीक्षण किया जाए। नागरिकों का कहना है कि अगर समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं किया गया तो नगर में अव्यवस्था और बढ़ेगी। नगर परिषद आठनेर के अधिकारियों ने इस मामले ध्यान नहीं दिया है। आरोप है कि आठनेर में आवारा पशुओं की समस्या और कांजीहाउस की दुर्दशा, नगर परिषद की निष्क्रियता का परिणाम है। इससे न केवल नगर का सौंदर्य प्रभावित हो रहा है, बल्कि नागरिकों की सुरक्षा भी खतरे में है। जल्द ही इस समस्या का समाधान किया जाना चाहिए ताकि नगरवासी शांतिपूर्ण जीवन जी सकें।

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