Betul News: ग्राम पंचायत कौड़ी में मनाया महारानी दुर्गावती का बलिदान दिवस

Betul News: Sacrifice Day of Maharani Durgavati celebrated in Gram Panchayat Kauri

Betul News: बैतूल। ग्राम पंचायत कौड़ी सेक्टर क्रमांक 15 में गोंडवाना साम्राज्य की वीरांगना महारानी दुर्गावती का बलिदान दिवस श्रद्धा पूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर महारानी दुर्गावती के छाया चित्र पर माल्यार्पण कर पूजन किया गया एवं उनके जीवन चरित्र का वाचन किया गया। महारानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम में ग्राम के समस्त गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

पूर्व जनपद सदस्य दारासिंग सलामे, दसन मर्सकोले, नहालसिंह सलामे, जगदीश सलामे, सहांगू सलामे, प्रतापसिंग सिंगारे, झामसिंग मर्सकोले, आशाराम मर्सकोले, रामबिलास मर्सकोले, देवलसिंग मर्सकोले, और मध्य प्रदेश आदिवासी विकास परिषद जिला अध्यक्ष बैतूल मुन्नालाल वाडिवा जैसे प्रमुख व्यक्तित्व इस अवसर पर शामिल हुए। कार्यक्रम की शुरुआत महारानी दुर्गावती के छाया चित्र पर माल्यार्पण और पूजन के साथ हुई। इसके बाद, उपस्थित नागरिकों ने महारानी के जीवन और उनके बलिदान के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला।

Betul News: ग्राम पंचायत कौड़ी में मनाया महारानी दुर्गावती का बलिदान दिवस

महारानी दुर्गावती की वीरता और प्रशासनिक क्षमता को सराहा गया और उनके योगदान को याद किया गया। महारानी दुर्गावती का जीवन चरित्र वाचन कार्यक्रम का महत्वपूर्ण हिस्सा था, जिसमें उनके जीवन की प्रमुख घटनाओं और उनकी वीरता की कहानियों को साझा किया गया। रानी दुर्गावती का गोंडवाना साम्राज्य में शासनकाल और उनके संघर्षों की प्रेरणादायक कहानियों ने सभी को प्रभावित किया।कार्यक्रम में उपस्थित वक्ताओं ने महारानी दुर्गावती के बलिदान से प्रेरणा लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि महारानी का जीवन हमें नारी शक्ति, साहस और बलिदान की महत्वपूर्ण सीख देता है। समाज को उनकी वीरता और त्याग से प्रेरित होकर आगे बढ़ने का संदेश दिया गया। (Betul News)

इस आयोजन के समापन पर सभी गणमान्य नागरिकों ने मिलकर महारानी दुर्गावती के बलिदान को नमन किया और उनकी स्मृति में संकल्प लिया कि वे उनकी विरासत को जीवित रखेंगे और समाज में एकता और साहस का संदेश फैलाएंगे। मध्य प्रदेश आदिवासी विकास परिषद जिला अध्यक्ष बैतूल मुन्नालाल वाडिवा ने कहा महारानी दुर्गावती के बलिदान दिवस का यह आयोजन गोंड वंश गौरव और गोंडवाना साम्राज्य की धरोहर को सम्मानित करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास था, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा। (Betul News)

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