Betul Samachar: बैतूल। बालकृष्ण स्कूल सलैया में शिक्षिका ज्योति मालवीय और स्कूल संचालक राजेंद्र यादव पर गंभीर आरोप लगे हैं। पालक सुनील कवड़े निवासी छतरपुर रोड बगडोना ने कलेक्टर से शिकायत कर कहा है कि उनकी पुत्री को अकारण परेशान किया जा रहा है और अभद्रता की जा रही है।
सुनील कवड़े ने आरोप लगाया कि संचालक ने गोंड जाति के लोगों के खिलाफ अभद्र टिप्पणिया कीं और कहा कि उन्हें ऐसे छात्रों की जरूरत नहीं है। टीसी के लिए फीस की पूरी राशि जमा करने का दबाव बनाया गया और धमकाया गया। शिकायत में कहा गया है कि स्कूल में आरटीई के तहत पढ़ रहे बच्चों से भी अतिरिक्त फीस वसूली जाती है।
इस गंभीर मामले की शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी से भी की गई है, और कलेक्टर से तत्काल कार्रवाई की मांग की गई है। सुनील कवड़े के अनुसार उनकी पुत्री ने बताया कि शिक्षिका ज्योति मालवीय ने माता-पिता को लेकर अभद्र भाषा का प्रयोग किया और कई बार मारपीट भी की। जब सुनील कवड़े ने इस घटना की शिकायत स्कूल संचालक राजेंद्र यादव से की, तो उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। उल्टा, उन्होंने अभद्र भाषा में कहकर कहा कि उन्हें ऐसे छात्रों की जरूरत नहीं है जो पढ़ाई में कमजोर हैं और उन्होंने सुनील कवड़े से टीसी लेकर जाने को कहा।
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टीसी न देने का आरोप
समस्या को देखते हुए, सुनील कवड़े ने अपनी पुत्री का एडमिशन एमजीएम स्कूल बगडोना में करवाना चाहा, लेकिन जब वे बालकृष्ण स्कूल टीसी लेने गए, तो शिक्षिका अल्फिया खान ने टीसी जारी करने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि बिना पूरी फीस भरे टीसी नहीं दी जाएगी। सुनील कवड़े ने बताया कि उन्होंने तीसरी कक्षा की 17500 रुपये और 4500 रुपये किताबों के रूप में बालकृष्ण स्कूल को पहले ही दे चुके हैं। अल्फिया खान ने फीस वापस करने से इनकार कर दिया और अभद्रता करते हुए कहा कि बिना टीसी के कोई एडमिशन नहीं देगा।
लेट फीस के नाम पर हो रही उगाही
सुनील कवड़े ने यह भी आरोप लगाया कि बालकृष्ण स्कूल संचालक बिना कारण पालकों से फीस लेट होने पर हर माह 10 प्रतिशत ब्याज वसूलते हैं और आरटीई के तहत निशुल्क पढ़ रहे बच्चों के पालकों से भी फीस लेते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि स्कूल संचालक स्टेशनरी, ड्रेस और किताबों के नाम पर भी अधिक शुल्क वसूलते हैं। इस मामले की शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी से भी की गई है। सुनील कवड़े ने कलेक्टर से इस मामले में कठोर कार्रवाई की मांग की है ताकि भविष्य में किसी भी छात्रा और पालक को इस प्रकार की समस्याओं का सामना न करना पड़े।