Betul Samachar: दीन दयाल रसोई योजना में बड़ा घोटाला: न पर्याप्त भोजन मिल रहा, न ही भोजन की गुणवत्ता का रखा जा रहा ध्यान 

Betul Samachar: Big scam in Deen Dayal Rasoi Yojana: Neither sufficient food is being provided, nor is the quality of food being taken care of.

Betul Samachar: बैतूल। बैतूल में दीन दयाल रसोई योजना का संचालन अब केवल दिखावा बन गया है। पांच रुपये में भरपेट भोजन देने की सरकार की मंशा पर पानी फिर रहा है। गरीबों को न तो पर्याप्त भोजन मिल रहा है, न ही भोजन की गुणवत्ता का ध्यान रखा जा रहा है। भोपाल के एनजीओ द्वारा संचालित इस योजना में रोटी, सब्जी और चावल तक सीमित मेन्यू गरीबों का पेट भरने में असमर्थ है। स्वच्छता और बैठने की व्यवस्था भी बेहद खराब है। एनजीओ के फर्जी दावों और फर्जी लाभार्थियों की संख्या दर्ज कर सरकार को धोखा देने की खबरें सामने आई हैं। जिम्मेदार अधिकारी आंख मूंदे बैठे हैं। प्रशासन की लापरवाही और एनजीओ की अनियमितताओं ने गरीबों के लिए बनी इस योजना को मजाक बना दिया है।

वर्तमान में योजना का संचालन कर रही संस्था ने अपने ढंग से नियमों को बदल दिया है, जिससे गरीबों को ना तो भरपेट भोजन मिल रहा है और ना ही भोजन की गुणवत्ता का ध्यान रखा जा रहा है। रसोई में ना तो मीनू के अनुसार खाना बन रहा है, और सिर्फ रोटी, सब्जी और चावल से काम चलाया जा रहा है।

गरीबों का कहना है कि चार रोटियों और हाफ प्लेट चावल में पेट नहीं भरता। इस योजना का संचालन भोपाल के एनजीओ द्वारा किया जा रहा है, जो दावा करता है कि वह गरीबों को बेहतर भोजन उपलब्ध करा रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। रसोई में साफ-सफाई से लेकर बैठक व्यवस्था तक सब कुछ अव्यवस्थित है। इससे यह स्पष्ट होता है कि योजना का संचालन किस प्रकार हो रहा है। लंबे समय से इस तरह की अनियमितताएं हो रही हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी आंखें मूंदे बैठे हैं।

नगरपालिका और स्व सहायता समूह के अनुसार, दीन दयाल रसोई में रोजाना 150 से 200 लाभार्थी भोजन कर रहे हैं, जबकि सूत्रों की माने तो यहां पर घटिया भोजन की वजह से लगभग 20 से 25 लोग ही भोजन ले रहे हैं। इसके बावजूद स्व सहायता समूह के संचालक फर्जी नाम और मोबाइल नंबर दर्ज करके लाभार्थियों की संख्या बढ़ा रहे हैं। इस प्रकार फर्जीवाड़ा कर रहे हैं। पहले भी इस तरह की धांधली सामने आ चुकी है, लेकिन किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया।

Betul Samachar: दीन दयाल रसोई योजना में बड़ा घोटाला: न पर्याप्त भोजन मिल रहा, न ही भोजन की गुणवत्ता का रखा जा रहा ध्यान 

यह है योजना का उद्देश्य

राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत प्रदेश सरकार द्वारा प्रति व्यक्ति को पांच रुपये में भरपेट भोजन सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक साफ-सुथरी जगह पर बैठाकर खिलाना है। भोजन करने से पहले लाभार्थियों से पांच रुपये और मोबाइल नंबर लिया जाता है, जिसे रोजाना नगरपालिका में दर्ज कराया जाता है। इसके बदले में शासन समूह को प्रति व्यक्ति 125 ग्राम गेहूं, 100 ग्राम चावल और दस रुपये देता है। यह योजना गरीबों की भलाई के लिए शुरू की गई थी, लेकिन वर्तमान में इसे केवल कमाई का जरिया बना दिया गया है।

प्रशासन को इस पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि गरीबों को उनका हक मिल सके और दीन दयाल रसोई योजना अपने उद्देश्य को प्राप्त कर सके। बैतूल के संगठनों ने मांग की हैं कि इस संस्था का संचालन बन्द किया जाए।

You might also like
Leave A Reply

Your email address will not be published.