Betul Samachar: बैतूल। पटेल कॉलोनी, घोड़ाडोंगरी निवासी फरियादी रईशा बेगम ने कलेक्टर को दिए आवेदन में भूमि विक्रय में भारी धांधली का आरोप लगाया है। उन्होंने कलीम उल्ला खान पर खसरा नंबर 345/1 के 1000 वर्गफुट भूखंड को बिना अनुमति के अवैध तरीके से बेचने का आरोप लगाया। आवेदिका ने बताया कि उन्होंने 1.80 लाख रुपये देकर यह भूमि खरीदी है, परंतु भूमि अधिसूचित क्षेत्र में होने के कारण इसके क्रय-विक्रय के लिए कलेक्टर की अनुमति आवश्यक है।
अनुमति प्रक्रिया में की गई धांधली और अनियमितता
रईशा बेगम ने अपने आवेदन में उल्लेख किया कि कलीम उल्ला ने बिना स्वीकृत लेआउट के छोटे-छोटे भूखंड बनाकर विक्रय किए। 2018-19में अनुमति हेतु प्रस्तुत प्रकरण में हल्का पटवारी ने प्रतिकूल प्रतिवेदन दिया, जिसके आधार पर अपर कलेक्टर ने 29 अगस्त 2019 को आवेदन अमान्य कर दिया। बावजूद इसके, अन्य मामलों में हल्का पटवारी ने सकारात्मक प्रतिवेदन देकर अनुमति दिलवाई, जिससे साफ होता है कि प्रक्रिया में धांधली हुई है।
अनुमति के अभाव में हो रहा अवैध कालोनियों का विक्रय
हल्का पटवारी और तहसीलदार के प्रतिवेदन के आधार पर अपर कलेक्टर द्वारा अनुमति आवेदन को अमान्य कर दिया गया था। इसके बावजूद, कलीम उल्ला ने अन्य भूखंडों के विक्रय के लिए अनुमति प्राप्त कर ली, जबकि विक्रेता के द्वारा ना रोड नाली निर्माण किया गया रेरा से अनुमति प्राप्त की गई जिससे सरकार को लाखों का नुकसान हो रहा है। रईशा बेगम ने आरोप लगाया कि पटवारी और भू-स्वामी के बीच पैसे के लेन-देन के कारण अवैध विक्रय हो रहा है।
महिला आयोग तक पहुँचा मामला, कोई कार्यवाही नहीं (Betul Samachar)
रईशा बेगम ने मध्यप्रदेश राज्य महिला आयोग को भी शिकायत की थी, लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। उन्होंने कलेक्टर से उचित जाँच की मांग करते हुए हल्का पटवारी और कलीम उल्ला के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की अपील की है। आवेदिका का कहना है कि उन्होंने कई उच्च अधिकारियों को भी आपत्ति प्रस्तुत की है, परंतु न्याय नहीं मिल पा रहा है। (Betul Samachar)
न्याय की माँग और जाँच की अपील (Betul Samachar)
आवेदिका ने अपने आवेदन में स्पष्ट किया कि अवैध कालोनियों के विक्रय से शासन को भारी नुकसान हो रहा है। उन्होंने कलेक्टर से मामले की निष्पक्ष जाँच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की अपील की है। इस भूमि विवाद ने प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और आवेदिका को न्याय मिलता है या नहीं। (Betul Samachar)