तालियों, अश्कों और प्यार के बीच विदा हुए झारिया साहब

बैतूल ने पुलिस अधीक्षक निश्चल झारिया को दी यादगार विदाई

Mirror News। मंगलवार का दिन बैतूल के लिए ऐतिहासिक और भावुक रहा। अपराधियों के लिए खौफ और आम जनता के लिए सहारा बने पुलिस अधीक्षक निश्चल एन. झारिया को जिले ने तालियों की गड़गड़ाहट, फूलों की बौछार और नम आंखों के बीच विदा किया। जैसे ही विदाई का पल आया, सभागार में मौजूद हर शख्स की आंखें नम हो गईं। पुलिसकर्मियों से लेकर व्यापारी, शिक्षाविद और युवाओं तक – हर कोई यही कह रहा था, झारिया साहब दिलों में रहेंगे।स्वर्णिम कार्यकाल जिसने मिसाल कायम की नशा तस्करी के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई साइबर अपराधियों की कमर तोड़ी गुंडा-बदमाशों पर शिकंजा कसकर कानून-व्यवस्था को नई दिशा दी ट्रैफिक सुधार और नशामुक्ति अभियान से युवाओं का भरोसा जीता। सामाजिक गतिविधियों से पुलिस-जनता की दूरी घटाई बैतूल में उनका कार्यकाल पुलिसिंग का नया अध्याय माना जा रहा है।

मीडिया संग अनोखी परंपरा

स्थानांतरण आदेश के बाद झारिया ने प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और वेब मीडिया से चाय पर चर्चा कर अपने कार्यकाल का फीडबैक लिया। पुलिस अधीक्षक रहते हुए ऐसा करने वाले वे संभवतः पहले अधिकारी बने। उन्होंने कहा, बैतूल का मीडिया सबसे सक्रिय रहा, यहां की पत्रकारिता ने पुलिसिंग को और सशक्त किया।

झारिया का भावुक संदेश

विदाई समारोह में झारिया ने कहा – बैतूल मेरी कर्मभूमि रही। यहां की जनता का प्यार और सहयोग हमेशा मेरे दिल में रहेगा। लोगों का विश्वास ही मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि है।

जनता की आवाज़

झारिया साहब ने बैतूल को सुरक्षित और बेखौफ बनाया, उनकी कमी हमेशा खलेगी। – अंकित पोनेकर , व्यापारी

युवाओं को नशे से दूर रखने की उनकी मुहिम काबिले-तारीफ है। – कविता यादव, शिक्षिका

विदाई का नज़ारा

झारिया को शॉल, श्रीफल और स्मृति-चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया। तालियों की गूंज के बीच जब उन्हें मंच से विदा किया गया, तो पूरा सभागार खड़ा होकर भावुक तालियों से गूंज उठा।

आख़िर में…

हर जुबान पर बस यही था – झारिया साहब दिलों में रहेंगे, बैतूल हमेशा उन्हें याद करेगा।

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