Betul Ki Khabar: बैतूल। एनएचएम संविदा आउटसोर्स स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने प्रदेश अध्यक्ष कोमल सिंह के नेतृत्व में अपनी प्रमुख मांगों को लेकर भोपाल में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है। संघ की प्रदेश कार्यकारिणी एवं जिला कार्यकारिणी के सभी सदस्य इस प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे।
मंत्रियों और विधायकों को सौंपेंगे ज्ञापन
सुबह से ही सभी जिलों के आउटसोर्स कर्मचारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) कार्यालय के सामने एकत्रित होंगे। वहां से वे दोपहर 12:00 बजे मंत्रियों और विधायकों के निवास पर जाकर ज्ञापन सौंपेंगे, जिसमें प्रमुख मांगों को शीघ्र पूरा करने की गुहार लगाई जाएगी। यदि मांगों का निराकरण नहीं होता है, तो 3 जुलाई को सुबह 9:00 बजे से प्रदेश भर के आउटसोर्स कर्मचारी बोर्ड ऑफिस चौराहे पर एकत्रित होंगे। वे संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे और सुबह 10:00 बजे से पैदल मार्च निकालकर विधानसभा की तरफ जाएंगे। विधानसभा सत्र के दौरान विधानसभा के सामने हल्ला बोल प्रदर्शन करेंगे और अपनी मांगों को पूरा करने की जोरदार अपील करेंगे।
Betul Ki Khabar: 2 जुलाई को भोपाल में जुटेंगे एनएचएम संविदा आउटसोर्स स्वास्थ्य कर्मचारी संघ
- यह भी पढ़ें : PM Awas Yojana: प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 जल्द होगा लॉन्च, इस योजना के अंतर्गत बनेंगे करोड़ों घर,जानें अपडेट
यह है प्रमुख मांगें और मुद्दे (Betul Ki Khabar)
विगत कई वर्षों तक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अधीन सेवाएं दे चुके प्रदेश के हजारों सपोर्ट स्टाफ कर्मचारियों को वित्तीय वर्ष 2019 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से हटाकर आउटसोर्स में कर दिया गया। उनकी मांग है कि इन्हें विभाग में रिक्त पदों पर समायोजित किया जाए अथवा पुनः राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में मर्ज किया जाए। आउटसोर्स के डाटा एंट्री ऑपरेटर एवं अन्य आउटसोर्स कर्मचारी और रोगी कल्याण समिति के कर्मचारियों को भी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में मर्ज किया जाए। (Betul Ki Khabar)
- यह भी पढ़ें : Betul Samachar : ठेकेदार की लापरवाही: भीमपुर के सीएम राइस स्कूल निर्माण में मिट्टी युक्त रेत का उपयोग
वित्तीय वर्ष 2019 से मिशन संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के आदेश के अनुसार सभी जिलों में आउटसोर्स कंपनियों द्वारा अर्ध कुशल श्रमिक दर से वेतन दिए जाने के आदेश दिए गए थे, लेकिन पांच साल बाद भी कर्मचारियों को सही दर से भुगतान नहीं किया जा रहा है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक की मिलीभगत से केवल 5500 से 9000 तक का ही भुगतान किया जा रहा है। इस घोटाले की सीबीआई जांच की मांग की जा रही है। जांच के उपरांत संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और आउटसोर्स कंपनियों को ब्लैकलिस्ट किया जाए। (Betul Ki Khabar)