Betul News: ताप्ती एवं शनि सरोवर जहां नगर के जल स्रोतों का आधार है वही नागरिकों की आस्था का केंद्र भी है किंतु इसके बावजूद घाट के सुधार और संरक्षण को लेकर ना तो राजनीतिक दल के नेता गंभीर दिखाई देते हैं और ना ही नगर प्रशासन। स्थिति यह है कि ताप्ती सरोवर के घाटों की स्थिति निरंतर बिगड़ती जा रही है। जानकार बताते हैं कि अगर घाट संरक्षण के अनदेखी का यही आलम रहा तो, ताप्ती घाट, एवं शनि सरोवर का बड़ा भाग ढह सकता है। गजानन मंदिर के सामने जुलूस गेट के पास ताप्ती घाट की दीवार का बड़ा हिस्सा बाहर आ गया है जहां जगह-जगह दरारें पड़ गई है ।
जानकार बताते हैं कि यह स्थिति लंबे समय से है। अगर इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो इस दीवार का बड़ा भाग ढ़ह सकता है। जिसके कारण बड़ा नुकसान हो सकता है। ताप्ती सरोवर के गेट वाले भाग के पास से दसवां घाट के मध्य में ताप्ती सरोवर के पश्चिम भाग वाली दीवार जिससे मुख्य मार्ग जुड़ा है का लगभग डेढ़ सौ मीटर दीवार का भाग पूरब की ओर बाहर आ गया है। किसी बड़े हादसे की संभावनाओं को देखते हुए कई बार नगर पालिका के कर्मचारी ने भी इसकी लिखित सूचना नगरपालिका को दी है। कुछ जनप्रतिनिधि एवं पूर्व पार्षद भी निरंतर घाट निर्माण की मांग करते रहे हैं किंतु कोई नतीजा नहीं निकला।
शनि सरोवर के घाट ,सुलुश गेट के टॉप का जर्जर होना हो सकता है खतरनाक
ताप्ती सरोवर को स्वच्छ बनाए रखने के लिए ताप्ती सरोवर के जल में प्रतिमा, भुजलिया विसर्जन पर प्रतिबंध लगाया गया है ।जिसके कारण धार्मिक आयोजनों में शनि सरोवर की उपयोगिता महत्वपूर्ण हो गई है किंतु बीते कुछ वर्षों में शनि सरोवर का गजानन मंदिर से लेकर छोटे तालाब की पुलिया तक के घाट जिस रफ्तार से जर्जर हुए हैं वह चिंता का विषय है। और समस्या यह भी है कि घाटों को इस वर्ष सुधारा जाना अब संभव भी नहीं है। (Betul News)
जानकार बताते हैं कि जिस रफ्तार से घाटों की स्थिति बिगड़ी है अगर इस वर्षा काल में हेवी रेनफॉल होता है तो यह शनि सरोवर के लिए ही नहीं बल्कि नगर के लिए भी खतरनाक हो सकता है। इसके साथ ही गजानन मंदिर के सामने सुलुश गेट का ऊपरी टॉप क्षतिग्रस्त हो गया है निचले भाग में लोहा जंग खाकर खराब हो गया है इंजीनियरों ने एक वर्ष पूर्व ही इस पुलिया को लेकर चेतावनी दी थी किंतु नगर प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया मात्र जांच और सर्वे होकर बात खत्म हो गई। (Betul News)
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वर्षों से अधूरा पड़ा है करबला घाट (Betul News)
कर्बला घाट का बड़ा हिस्सा पूर्व में ढह गया था इसके बाद नगर पालिका ने इस घाट का निर्माण किया किंतु यह घाट का कार्य पूरा नहीं हो सका कई परिषद आई और गई किंतु 20 वर्षों में कर्बला घाट का अधूरा कार्य कभी पूरा नहीं हो सका । इस अधूरे घाट पर गंदगी का अंबार लगा रहता है अधूरे पड़े इस घाट पर जाने की व्यवस्था नहीं है अन्यथा इससे कभी भी गंभीर हादसा हो सकता है। क्योंकि ऊपरी भाग अधूरा है और नीचे घाट निर्माण कर दिया गया है। वर्षा काल में जब सरोवर लबालब भरा रहता है अगर कोई व्यक्ति इस घाट पर जाने का प्रयास करें तो सरोवर में पैर फिसल सकता है। (Betul News)
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जब चुनाव आते हैं तभी याद आती है मां ताप्ती (Betul News)
पूर्व भाजपा पार्षद हनी सरदार कहते हैं कि लोगों को मां ताप्ती की याद चुनाव के समय ही आती है। उसके बाद मां ताप्ती से जुड़े विकास कार्य याद नहीं आते। राजनीतिक लोग सिर्फ अपने राजनीतिक फायदे के लिए ही मां ताप्ती के नाम का उपयोग करते हैं। 7 साल पहले हमने कर्बला घाट के सुधार कार्य का प्रस्ताव पारित करवाया था। जिस पर अब तक कार्यवाही नहीं हुई जब जब वरिष्ठ अधिकारी आए या बड़े नेता हम लोगों ने ताप्ती के घाटों के संरक्षण का मामला उठाया । (Betul News)
इनका कहना
ताप्ती सरोवर एवं शनि सरोवर के घाट के सुधार की योजना बनाई जा रही है। जहां सुधार किया जाना चाहिए उसके एस्टीमेट भी बनाए जा रहे हैं ।
आर के इवनाती, मुख्य नगर पालिका अधिकारी मुलताई