Betul Samachar : ऑटो चालक यूनियन की मांगों को लेकर कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को सौंपा ज्ञापन
Betul Samachar: Memorandum submitted to the Collector and Superintendent of Police regarding the demands of the Auto Drivers Union
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Betul Samachar : बैतूल। ऑटो चालक एकता यूनियन सीटू के तत्वावधान में बैतूल के ऑटो चालकों ने 25 जून को कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को अपनी विभिन्न मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा। यूनियन के संरक्षक कामरेड कुन्दन राजपाल, अध्यक्ष मनोहर आठनकर, कार्यकारी अध्यक्ष अमित तिवारी और महासचिव शेख वकील के नेतृत्व में ऑटो चालकों ने बैतूल शहर में ई-रिक्शा चालकों द्वारा उत्पन्न समस्याओं और अन्य मुद्दों पर प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया।
शिवाजी चौक से रैली निकालकर कलेक्टर कार्यालय और पुलिस अधीक्षक कार्यालय तक पहुंची यूनियन ने ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर यूनियन के उपाध्यक्ष संजय आठनकर, रसीद खान, कोषाध्यक्ष मोहम्मद रफीक, सहायक महासचिव हरदीपसिंग हिचप्राणी, मंगल प्रसाद आर्य, संतोष परिहार, पुष्पेन्द्र श्रीवास, धनराज पन्डागरे, शेख इस्माइल, विजय राठौर, नितिन लहाटे, अमित जैसवाल, महेश सूर्यवंशी, शिवप्रसाद पवार, शाहरुख खान सहित बड़ी संख्या में ऑटो चालकों ने हिस्सा लिया।
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ऑटो चालक यूनियन ने प्रशासन से उनकी समस्याओं का शीघ्र समाधान करने की अपील की है ताकि उनका व्यवसाय प्रभावित ना हो और वे अपनी आजीविका को सुचारू रूप से चला सकें। यूनियन ने स्पष्ट किया है कि अगर उनकी मांगों पर जल्द ही कार्रवाई नहीं हुई, तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे। ज्ञापन सौंपने वालों में संजय आठनकर, रसीद खान, मोहम्मद रफीक, हरदीपसिग हिचप्राणी, मंगल प्रसाद आर्य, संतोष परिहार, पुष्पेन्द्र श्रीवास, धनराज पन्डागरे, शेख इस्माइल, विजय राठौर, नितिन लहाटे, अमित जैसवाल, महेश सूर्यवंशी, शिवप्रसाद पवार, शाहरुख खान, आदि शामिल थे। (Betul Samachar)
Betul Samachar : ऑटो चालक यूनियन की मांगों को लेकर कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को सौंपा ज्ञापन
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मुख्य मांगे और मुद्दे (Betul Samachar)
ई-रिक्शा चालक बहुत कम दरों पर सवारियां बिठा रहे हैं, जिससे डीजल और पेट्रोल ऑटो चालकों का व्यवसाय प्रभावित हो रहा है। ई-रिक्शा चालक ऑटो स्टैंड के बजाय बीच रास्ते में खड़े होकर सवारियां बिठाते हैं, जिससे यातायात प्रभावित होता है। ई-रिक्शा चालकों को बीमा, लाइसेंस, फिटनेस, और परमिट की आवश्यकता नहीं होती है, जबकि ऑटो चालकों को इन सभी का शुल्क देना पड़ता है। पिछले 15 वर्षों से ऑटो चालकों के भाड़े की दरों में कोई वृद्धि नहीं की गई है। यूनियन ने मांग की है कि वर्तमान महंगाई को देखते हुए दरों को पुनः निर्धारित किया जाए।
प्राइवेट बसें, जो लंबी दूरी की यात्रा करती हैं, वे रेलवे स्टेशन के सामने खड़ी होती हैं, जिससे ऑटो चालकों का व्यवसाय प्रभावित होता है। इन बसों को उनके निर्धारित रूट से ही चलाने की मांग की गई है। शहर का क्षेत्रफल बढ़ जाने के कारण, ऑटो चालकों को 3 किलोमीटर के बजाय 7 किलोमीटर की दूरी तक चलाने की अनुमति दी जाए। नगरपालिका प्रशासन से प्रमुख चौराहों पर निश्चित ऑटो स्टैंड की व्यवस्था की मांग की गई है। (Betul Samachar)