सालभर में सिर्फ 4 दिन ही होंगे मुख्यमंत्री कन्या विवाह

बसंत पंचमी, अक्षय तृतीया, देव उठनी ग्यारस

मध्यप्रदेश: मुख्यमंत्री कन्या विवाह और मुख्यमंत्री कन्या निकाह योजना के कार्यक्रम अब साल भर में सिर्फ चार दिन ही होंगे। इसके लिए जनपदों के अधिकारी अब कभी भी विवाह की तिथि तय नहीं कर सकेंगे। राज्य शासन ने साफ कर दिया है कि यह विवाह बसंत पंचमी, अक्षय तृतीय, देव उठनी ग्यारस और किसी अन्य दिन ही किए जा सकेंगे। मोहन कैबिनेट द्वारा कन्या विवाह योजना में किए गए संशोधनों को मंजूरी दिए जाने के बाद सामाजिक न्याय और निशक्तजन विभाग ने इसके निर्देश सभी कलेक्टरों को जारी कर दिए हैं।प्रमुख सचिव सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण सोनाली वायंगणकर ने बताया कि योजना की मॉनिटरिंग की दृष्टि से इस तरह से तिथियों का चयन किया गया है। मुख्यमंत्री कन्या विवाह, निकाह योजना में किए गए संशोधन 15 मई 2025 से प्रभावी होंगे। नए संशोधन में मुख्यमंत्री कन्या विवाह, निकाह योजना के लिए चार तिथियां बसंत पंचमी, अक्षय तृतीया एवं तुलसी विवाह (देवउठनी ग्यारस), एक अन्य तिथि विभाग के अनुसार तय की जा सकती है। योजना के अन्तर्गत अब सामूहिक विवाह इन्हीं तिथियों में आयोजित होंगे। सामूहिक विवाह कार्यक्रमों के लिए शासन की ओर से मिलने वाले आर्थिक लाभ को सार्थक बनाने का प्रयास करते हुये आयोजन में जन-प्रतिनिधियों एवं अन्य सामाजिक संस्थाओं की भागीदारी की जाएगी। समाज के संपन्न और सक्षम व्यक्तियों का सहयोग प्राप्त किया जाएगा।

कम से कम 11, अधिक से अधिक 200 जोड़े होंगे शामिल

  • सामूहिक विवाह समारोह में वैवाहिक बंधन में बंधने वाले जोड़ों की संख्या कम से कम 11 तथा अधिकतम 200 तय की गई है।
  • योजना में 49 हजार रुपए सीधे वधू के खाते में ट्रांसफर किए जाते हैं तथा 6 हजार रुपए आयोजनकर्ता को व्यवस्था के लिए दिए जाते हैं।
  • योजना का लाभ उठाने के लिए कन्या के परिवार का बीपीएल होना जरूरी है।
  • इनका बीपीएल पोर्टल पर सत्यापन अनिवार्य होगा।
  • संभागवार वार्षिक कैलेन्डर जारी कर सामूहिक विवाह, निकाह कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।
  • योजना में सामूहिक विवाह, निकाह सम्मेलनों में प्राप्त आवेदनों की स्क्रूटनी निकाय स्तर पर की जाएगी।
  • पात्र और अपात्र के नाम एवं समग्र पोर्टल पर वर-वधू की आधार ई-केवाईसी अनिवार्य होगी।
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