4 दिन पहले केरल पहुंचेगा मानसूनः 1 जून की जगह 27 मई को आएगा मानसून

मौसम विभाग बोला-16 साल बाद जल्दी आने का अनुमान

MP News: देश में इस साल तय समय से 4 दिन पहले मानसून के पहुंचने की संभावना है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने शनिवार को बताया कि दक्षिण पश्चिम मानसून 27 मई को केरल के तट पर पहुंचेगा। आमतौर पर यह 1 जून को पहुंचता है। मौसम विभाग के मुताबिक, अगर मानसून 27 मई को आता है तो 2009 के बाद पहली बार भारत में इतनी जल्दी दस्तक देगा। 2009 में 23 मई को मानसून केरल पहुंचा था। 2024 में 30 मई को केरल में मानसून आया था। इससे पहले 2023 में 8 जून को, 2022 में 29 मई को, 2021 में 3 जून को, 2020 में 1 जून को, 2019 में 8 जून को और 2018 में 29 मई को दक्षिण राज्य में मानसून की एंट्री हुई थी। तय समय, यानी 1 जून को केरल में पहुंचने पर मानसून 8 जुलाई तक पूरे देश को कवर कर लेता है।आईएमडी और स्काईमेट का पिछले 5 साल में मानसून का अनुमान कितना सही रहा। अंडमान-निकोबार में मानसूनी बारिश अगले हफ्ते अंडमान और निकोबार में मानसूनी बारिश अगले हफ्ते तक शुरू हो सकती है। मौसम विभाग के मुताबिक, अंडमान निकोबार के हिस्सों में 13 मई तक मानसून की एंट्री का अनुमान है। देश में सालभर में होने वाली कुल बारिश का 70% पानी मानसून के दौरान ही बरसता है। देश में 70% से 80% किसान फसलों की सिंचाई के लिए बारिश पर ही निर्भर हैं। यानी मानसून के अच्छे या खराब रहने से पैदावार पर सीधा असर पड़ता है। अगर मानसून खराब हो तो फसल कम पैदा होती है, जिससे महंगाई बढ़ सकती है। भारतीय अर्थव्यवस्था में एग्रीकल्चर सेक्टर की हिस्सेदारी करीब 20% है। वहीं, देश की आधी आबादी को कृषि क्षेत्र ही रोजगार देता है। अच्छी बारिश का मतलब है कि खेती से जुड़ी आबादी को फेस्टिव सीजन से पहले अच्छी आमदनी हो सकती है। इससे उनकी खर्च करने की क्षमता बढ़ती है, जो इकोनॉमी को मजबूती देती है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने बताया कि इस बार जून से सितंबर तक मानसून सामान्य से बेहतर रहेगा। मौसम विभाग 104 से 110 फीसदी के बीच बारिश को सामान्य से बेहतर मानता है। यह फसलों के लिए अच्छा संकेत है। आईएमडी के प्रमुख मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि 2025 में 105% यानी 87 सेंटीमीटर बारिश हो सकती है।

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