Betul Ki Khabar: घोड़ाडोंगरी। घोड़ाडोंगरी में नजूल भूमि पर निवासरत नागरिकों को धारणा अधिकार योजना के तहत पट्टा नहीं मिल पा रहा है। रिकार्ड त्रुटि और भूमि माफिया के कारण यह प्रक्रिया बाधित हो रही है। योजना के तहत पात्र व्यक्तियों को भू स्वामित्व का पट्टा दिया जाना था, लेकिन नजूल भूमि खसरा नंबर 667 में रिकार्ड त्रुटि के कारण 76 प्रकरण लंबित पड़े हैं। प्रशासन को इस मामले पर सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि पात्र नागरिकों को उनका हक मिल सके और नजूल भूमि विक्रय पर रोक लगाई जा सके।
धारणा अधिकार योजना के अंतर्गत नजूल भूमि धारकों को भू स्वामित्व का अधिकार प्रदान करने के उद्देश्य से घोड़ाडोंगरी नगर परिषद द्वारा नजूल भूमि पर निवासरत नागरिकों को पट्टा देना था। अब तक 76 लोगों ने तहसील घोड़ाडोंगरी में आवेदन किया है, लेकिन अपर कलेक्टर बैतूल द्वारा आपत्ति की आम सूचना का प्रकाशन किए महीना बीत चुका है और प्रकरण अब भी लंबित हैं।
Betul Ki Khabar: नजूल भूमि पर भू-माफिया का कब्जा, पात्रों को नहीं मिल रहा योजना का लाभ
- यह भी पढ़ें : MP Prasuti Sahayata Yojana 2024 : गर्भवती महिलाओं को सरकार दे रही है 16000 की सहायता राशि, जाने कैसे करें आवेदन
खसरा नंबर 667 की नजूल भूमि में रिकार्ड त्रुटि का मुख्य कारण भूमि के बड़े पैमाने पर विक्रय को माना जा रहा है। राजस्व विभाग के पटवारी, ग्राम पंचायत एवं नगर परिषद के कर्मचारियों द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किए जाने के कारण नजूल भूमि विक्रय की गई है। सूत्रों के अनुसार, अवैध तरीके से दस्तावेज जारी करने और रजिस्ट्री करने के लिए संबंधित कर्मचारियों को मोटी रकम दी जाती है, जिसके कारण वे इस गलत काम को करने में पीछे नहीं हटते हैं। (Betul Ki Khabar)
उच्च अधिकारियों की उदासीनता (Betul Ki Khabar)
खसरा नंबर 667 की विवादित स्थिति के कारण पूर्व के कलेक्टरों ने इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। इस भूमि के मामले को उच्च अधिकारी जानने के बाद भी इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, जिसके कारण शासकीय भूमि धड़ल्ले से बिक रही है। विक्रेता और संलिप्त कर्मचारी करोड़पति बन गए हैं। (Betul Ki Khabar)
इनका कहना…
76 प्रकरण लंबित होने के कारण खसरा नंबर 667 का प्रतिवेदन बनाकर एसडीएम साहब को दिया जा रहा है। अधिकार अभिलेख के समय से त्रुटि है। पटवारी अगर अभी भी नजरिया नक्शा बना रहे तो गलत है। यह जमीन अभी ना खरीदे नामांतरण भी नहीं होगा।
महिमा मिश्रा, तहसीलदार