Betul News: वन विभाग के अधिकारियों के खिलाफ शासकीय भुगतानों में भारी अनियमितता करने का आरोप

Betul News: Allegations of huge irregularities in government payments against forest department officials

Betul News: बैतूल। बैतूल के दुर्गा वार्ड कोठीबाजार निवासी प्रेम शंकर मिश्रा ने वन विभाग के भ्रष्टाचार की पोल खोलते हुए महामहिम राज्यपाल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। मिश्रा का आरोप है कि वन विभाग के अधिकारी शासकीय भुगतानों में भारी अनियमितताएं और भ्रष्टाचार कर रहे हैं। उन्होंने पी.एन. मिश्रा, वन संरक्षक, और अन्य अधिकारियों पर सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 को खत्म करने का आरोप लगाया है। मिश्रा का दावा है कि भ्रष्टाचार की शिकायतों के बावजूद दो वर्षों में कोई कार्रवाई नहीं हुई है। आमरण अनशन की चेतावनी देते हुए, मिश्रा ने राज्यपाल से न्याय की गुहार लगाई है।

प्रेम शंकर मिश्रा ने वन विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की शिकायत की है। मिश्रा का कहना है कि वनमण्डलाधिकारी उत्तर बैतूल और अन्य अधिकारियों ने शासकीय भुगतानों में भारी अनियमितताएं की हैं। अगस्त और सितम्बर 2022 की जनसुनवाईयों में इन अनियमितताओं की शिकायत करने के बावजूद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। प्रेम शंकर मिश्रा ने आरोप लगाया है कि पी.एन. मिश्रा, वन संरक्षक, सामाजिक वानिकी वृत्त बैतूल, ने सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 को अवैध रूप से समाप्त करा दिया है। सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत प्राप्त आवेदनों को निरस्त कर दिया गया है और अपील सुनवाई में देरी की गई है। (Betul News)

सुधांशु शेखर, वनमण्डलाधिकारी उत्तर बैतूल ने आरटीआई अपील की सुनवाई और निराकरण में देरी की, जबकि जमाल सिंह धारवे ने सूचना आयोग के आदेश का पालन नहीं किया। ज्ञापन में कहा गया है कि भीमा मंडलोई, वन क्षेत्रपाल, पर सरकारी वाहन में इमारती लकड़ी चोरी का आरोप है, जिन्हें निलंबन के बाद पुनः पदस्थ किया गया है। वहीं, गणेश पवांर को पद से मुक्त होने के बावजूद अवैध रूप से वेतन भुगतान किया जा रहा है। प्रेम शंकर मिश्रा ने स्पष्ट किया है कि जब तक इन मामलों का समाधान नहीं होता, वे आमरण अनशन जारी रखेंगे। इस ज्ञापन की प्रतिलिपि संसद सभापति ओम बिड़ला, मुख्यमंत्री म.प्र. शासन डॉ. मोहन यादव, वनमंत्री नागर सिंह और अन्य प्रमुख अधिकारियों को भी भेजी गई है। (Betul News)

सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 का उल्लंघन

पी.एन. मिश्रा, वन संरक्षक, सामाजिक वानिकी वृत्त बैतूल, पर आरोप है कि उन्होंने सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 को अवैध रूप से समाप्त करा दिया। आरटीआई के तहत प्राप्त आवेदनों को झूठे बहानों से निरस्त कर दिया गया। सुधांशु शेखर, वनमण्डलाधिकारी उत्तर बैतूल, ने भी आरटीआई अपील की सुनवाई और निराकरण में देरी की। (Betul News)

अवैध वेतन भुगतान और निलंबित अधिकारी की पुनः नियुक्ति (Betul News)

प्रेम शंकर मिश्रा ने आरोप लगाया कि भीमा मंडलोई, वन क्षेत्रपाल, पर सरकारी वाहन में इमारती लकड़ी चोरी का आरोप है। उन्हें निलंबित करने के बाद पुनः पदस्थ किया गया। वहीं, गणेश पवांर को पद से मुक्त होने के बावजूद अवैध रूप से वेतन भुगतान किया जा रहा है। (Betul News)

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