Betul News: तीन वर्षो से कार्यपालन यंत्री की बाटजोह रहा सिंचाई विभाग, कैसे चढ़ेगी नई जल संरचनाएं परवान

Betul News: Irrigation Department has been waiting for the Executive Engineer for three years, how will the new water structures come to fruition?

Betul News: मुलताई- मुलताई सिंचाई विभाग में 3 वर्षों से कार्यपालन यंत्री की पोस्टिंग नहीं हुई। बीते तीन वर्षों से सिंचाई विभाग भगवान भरोसे चल रहा है। पूर्व कार्यपालन यंत्र जीपी सिलावट का 29/7/2021 को मुलताई सिंचाई विभाग से स्थानांतरण हुआ था तब से अब तक मुलताई डिवीजन कार्यपालन यंत्री की बाटजोह रहा है। कार्यपालन यंत्री के स्थानांतरण के बाद मुलताई डिवीजन का प्रभार बैतूल डिवीजन के साथ एसडीओ विपिन वामनकर को दे दिया गया।

बैतूल जिले के स्थाई निवासी एसडीओ एवं प्रभारी कार्यपालन यंत्री वामनकर 3 वर्षों से दो डिविजन संभाल रहे है जो कि बैतूल में ही रहते है मुलताई डिवीजन में क्षेत्र के किसानों को वह कभी दिखाई नहीं देते जानकार बताते हैं कि एक प्रकार से उनका प्रभारी होना नहीं होना बराबर है जानकारों का मानना है कि वैसे भी दो बड़े डिविजन को प्रभार में रहकर एक साथ संभाल जाना संभव ही नहीं है किंतु रोचक तथ्य है कि 3 वर्ष गुजर गए।

Betul News: तीन वर्षो से कार्यपालन यंत्री की बाटजोह रहा सिंचाई विभाग, कैसे चढ़ेगी नई जल संरचनाएं परवान

हाल ही में विधायक चंद्रशेखर देशमुख के प्रयासों से मुलताई डिवीजन के अंतर्गत साथ नहीं लघु सिंचाई परियोजनाओं को मंजूरी मिली है किंतु बड़ी बड़ा प्रश्न यह है कि जब प्रमुख अधिकारी ही नहीं है और स्टाफ का अभाव भी तो योजनाओं का गुणवत्ता पूर्ण क्रियान्वयन कैसे संभव है। किसान बताते हैं कि एसडीओ तो बैतूल जाकर साइन कर लेते हैं किंतु किसान अपनी समस्याएं लेकर बैतूल कैसे जाएं अगर एसडीओ को ही प्रभारी बनाना था तो मुलताई मुख्यालय पर रहने वाले एसडीओ को प्रभारी कार्यपालन यंत्री बनाया जा सकता था । प्रमुख अधिकारी के अनुपस्थिति में सिंचाई विभाग की स्थिति अत्यंत दयनीय है।

कृषक बताते हैं कि एसडीओ लेवल के कार्य तो हो जाते हैं किंतु सभी समस्याएं एसडीओ लेवल पर हल नहीं होती जिसके वजह से उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और जब प्रमुख अधिकारी कार्यालय में उपस्थित नहीं होते हैं तो कार्यालय की स्थिति का अनुमान स्वयं ही लगाया जा सकता है। (Betul News)

मुलताई सिंचाई डिवीजन में शामिल हैं चार सबडिवीजन

संसाधन विभाग क्षेत्र का अत्यंत महत्वपूर्ण विभाग माना जाता है मुलताई सिंचाई डिविजन को चार ब्लाकों के विकास का आधार माना जाता है जिसके अंतर्गत चार मध्यम सिंचाई परियोजनाएं एवं लगभग 80 लघु सिंचाई परियोजनाएं आती है। (Betul News)

मुलताई सिंचाई डिवीजन में मुलताई सबडिवीजन, आमला सबडिवीजन, पट्टन एवं आठनेर सबडिवीजन शामिल है किंतु इसके बावजूद भी मुलताई सिंचाई डिवीजन में तीन वर्षों से कार्यपालन यंत्री नहीं है जिले में सर्वाधिक सिंचाई परियोजनाएं मुलताई क्षेत्र में है और वर्षा काल प्रारंभ होते ही जल संसाधन विभाग की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। शासन को चाहिए कि जल संसाधन विभाग में कार्यपालन यंत्री की नियुक्ति की जाए ताकि पुरानी संरचनाओ का संरक्षण और नए स्वीकृत कार्यों का गुणवत्ता पूर्वक कार्य हो सके। (Betul News)

इनका कहना

नए बांधों की स्वीकृति हो रही है अब आवश्यक हो गया है कि सिंचाई विभाग में कार्यपालन यंत्री की नियुक्ति हो और स्टाफ की कमी दूर की जाए इसके लिए विधायक से चर्चा करेंगे।

गणेश साहू

भाजपा मंडल अध्यक्ष मुलताई

You might also like
Leave A Reply

Your email address will not be published.