Betul Samachar : किसान और पूर्व कलेक्टर अपनी समस्‍या के चलते केंद्रीय मंत्री दुर्गादास उइके से मिलने पहुंचे

Betul Samachar: Farmers and former collectors reached to meet Union Minister Durgadas Uike due to their problems.

Betul Samachar : बैतूल। जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी – इस प्रसिद्ध संस्कृत श्लोक का अनुसरण करते हुए, पूर्व कलेक्टर प्रदीप कुमार कालभोर अपने गांव रोंढ़ा के किसानों के दर्द को लेकर केंद्रीय राज्यमंत्री (जनजाति मामले) दुर्गादास उइके से मिलने पहुंचे। कालभोर ने बताया कि घोघरी जलाशय (मध्यम प्रकल्प) सिंचाई परियोजना से ग्राम छाता तहसील बैतूल के किसान वंचित रह गए हैं। उन्होंने किसानों की इस समस्या का समाधान करने के लिए केंद्रीय मंत्री से हस्तक्षेप की मांग की। जन्मभूमि से प्रेम को प्रदर्शित करते हुए प्रदीप कालभोर ने अपने गांव के किसानों की समस्याओं को उच्च स्तर पर उठाने का प्रयास किया है।

Betul Samachar : किसान और पूर्व कलेक्टर अपनी समस्‍या के चलते केंद्रीय मंत्री दुर्गादास उइके से मिलने पहुंचे

परियोजना की खामियां और किसानों की पीड़ा

कालभोर ने बताया कि घोघरी जलाशय परियोजना की संरचना और सर्वेक्षण के दौरान की गई असावधानी के कारण ग्राम छाता के किसान सिंचाई सुविधा से वंचित रह गए हैं। सर्वेक्षण के दौरान इन गांवों के सर्वे नंबरों को लाभ क्षेत्र में शामिल नहीं किया गया। यह गंभीर गलती न केवल परियोजना की विफलता को दर्शाती है, बल्कि इन किसानों के लिए भी बड़ी समस्या बन गई है।

कालभोर ने अपने ज्ञापन में ग्राम छाता के पटवारी हल्का नम्बर 62 के किसानों की समस्या का विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने बताया कि उनके स्वयं के खसरा नंबर 373, 64/1, 66/4, 66/5, 67 (कुल क्षेत्रफल 4.050 हेक्टेयर) को लाभ क्षेत्र में शामिल नहीं किया गया है। इसी तरह, ग्राम रोंढ़ा के प.ह.न. 51 में कई खसरा नंबरों को भी पाइप लाइन से जोड़ा नहीं गया है।

किसानों की मांग (Betul Samachar)

कालभोर और ग्राम छाता एवं रोंढ़ा के किसानों ने केंद्रीय मंत्री से इस गंभीर गलती को सुधारने और वंचित खसरा नंबरों के किसानों के खेतों में पाइप लाइन डालने की मांग की है। उन्होंने आग्रह किया कि इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई की जाए ताकि गरीब किसानों को सिंचाई के लाभ से वंचित नहीं रहना पड़े। (Betul Samachar)

केंद्रीय मंत्री से मिलने पहुंचे किसानों में पवन देशमुख, प्रवीण देशमुख, सुखदेव देशमुख, सूरज देशमुख, अनिल काले, गुलाबराव देशमुख, प्रफुल्य मगरदे, लक्ष्मण देशमुख, महादेव काले, कैलाश लक्ष्मण, फूल सिंग उइके, गंजू कोकड़े, श्रीमति कला महाले, श्रीमति लीला बाई देशमुख, श्रीमति मीरा महाले, मनोज देशमुख, अजाब देशमुख, धनराज देशमुख, मधु देशमुख, अंकुश देशमुख, फगन देशमुख, इंदल देशमुख, आकाश देशमुख, हसंराज देशमुख, संतोषराव देशमुख, मगरदे सहित अन्य किसान शामिल थे। (Betul Samachar)

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