warning Of Highway Jam: दो माह से सूखे नल, स्कूलों में शौचालय नहीं, हाईवे जाम की चेतावनी से प्रशासन में मचा हड़कंप
जयस प्रदेश संयोजक का प्रशासन को अल्टीमेटम- 3 दिन में समाधान नहीं तो होगा उग्र आंदोलन
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आदिवासी फंड का दुरुपयोग, लाड़ली लक्ष्मी के नाम पर दिखावे का आरोप, बैतूल ब्लॉक के ग्राम पंचायत बोधी के ग्रामीणों ने जताया रोष
warning of highway jam: बैतूल विधानसभा के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत बोधी (जुनावानी) के ग्राम टेकड़ाकला ढ़ाना में बीते दो माह से जल संकट बना हुआ है। गांव में नलों और बोरिंग की मोटरें बंद पड़ी हैं, जिससे ग्रामीणों को प्रतिदिन बाहर से पानी लाना पड़ रहा है।
स्थिति यह है कि स्कूली बच्चों तक को पीने का पानी नहीं मिल पा रहा है। भीषण जल संकट की समस्या को लेकर जयस के प्रदेश संयोजक जामवन्त सिंह कुमरे ने ग्रामीणों के साथ कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा और स्पष्ट किया कि यदि 2 से 3 दिनों में पानी और स्कूल में शौचालय की व्यवस्था नहीं की गई तो आगामी 7 से 15 दिनों के भीतर ग्रामवासी गढ़ा जोड़ स्थित नेशनल हाईवे पर चक्का जाम करेंगे।
उन्होंने चेतावनी दी कि इस उग्र आंदोलन की पूर्ण जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। उन्होंने बताया कि पेयजल संकट के कारण ग्रामीण बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इस गांव में नलजल योजना ध्वस्त हो गई है, आदिवासी क्षेत्रों के साथ भेदभाव किया जाता रहा है।
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ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि ग्राम टेकड़ाकला ढ़ाना में जितने भी बोरिंग हैं, उनकी मोटरें बंद हो चुकी हैं या पूरी तरह खराब हो चुकी हैं। पेयजल की इस विकट स्थिति में लोग खेतों या अन्य गांवों से पानी ढोकर ला रहे हैं।
इसके अलावा गांव के स्कूलों में शौचालय की भी कमी है, जिसके कारण छात्र-छात्राओं को खुले में नदी, नाले या सड़कों किनारे शौच के लिए जाना पड़ता है। लड़कियों के लिए यह समस्या और भी गंभीर हो जाती है।
मुफ्त के नाम पर वाह वाही लूट रही सरकार
जामवन्त सिंह कुमरे ने बताया कि सरकार लाड़ली बहना योजना और फ्री राशन दे रही लेकिन शिक्षा फ्री नही कर रही है। आदिवासी फंड का दुरुपयोग हो रहा है और जमीनी स्तर पर आदिवासी क्षेत्रों को मूलभूत सुविधाएं तक नहीं मिल पा रही हैं।
उन्होंने कहा कि मुफ्त राशन देने की बात कर सरकार वाहवाही लूट रही है, लेकिन जिन बच्चों के लिए ये योजनाएं बनाई जा रही हैं, उन्हें शिक्षा, पुस्तकें, शिक्षक और पीने का पानी तक उपलब्ध नहीं है। बाबा साहेब अंबेडकर भी यही कहा करते थे, आपको मुफ्त की चीजें देनें में कोई कमी नही रहेगी लेकिन मुफ्त में शिक्षा कभी नही मिलेगी, क्योंकि शिक्षित होने से आदमी सवाल करने लगता है। और वह सरकारी स्कूलों का हाल देखकर समझ आता है।
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गांव की रेखा परते ने बताया गांव में आज तक न तो कोई सामुदायिक मंगल भवन बना है और न ही चौपाल का निर्माण हुआ है। ग्रामीणों की सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए कोई स्थान नहीं है। जयस ने प्रशासन से मांग की है कि इन समस्याओं का तत्काल समाधान किया जाए, अन्यथा संगठन और ग्रामीण मिलकर सड़क पर उतरेंगे और नेशनल हाईवे को पूरी तरह जाम करेंगे।