Betul Daily News- बेबस भाई की फरियाद: मेरा गेहूं हड़प लिया, अब या तो इंसाफ दो या इच्छामृत्यु

बड़े भाई का आरोप, छोटे भाई ने जबरन काट ली फसल, कलेक्टर से शिकायत

Betul Daily News – मुलताई तहसील के ग्राम मालेगांव में पारिवारिक जमीन विवाद के चलते एक 49 वर्षीय अविवाहित, बेसहारा और गंभीर बीमारी से पीडित किसान इंसाफ की गुहार लगा रहा है।

पीड़ित सिद्धार्थ बुआड़े (पवार) का कहना है कि उनके छोटे भाई गौतम पवार और उसकी पत्नी ममता पवार ने मौजा ग्राम ग्यारसपुर, प.ह.न.45 ग्राम पंचायत मलकापुर, तहसील बैतूल स्थित खसरा न.137/6 में उनके स्वामित्व की भूमि की गेहूं की फसल को जबरन काट लिया और विरोध करने पर जान से मारने की धमकी दी। पीड़ित ने बताया कि यह विवाद कोर्ट में लंबित है और 24 अक्टूबर 2024 को माननीय न्यायालय ने वेदान्त पिता गौतम बुआड़े को निषेधाज्ञा आदेश जारी किया था।

बावजूद इसके, छोटे भाई ने उन्हें बेदखल करने और उनकी रोजी-रोटी छीनने की कोशिश की। सिद्धार्थ बुआड़े ने कहा कि पिता बंशीलाल बुआड़े ने यह जमीन उनके नाम की थी, लेकिन छोटे भाई ने अपने नाबालिग बेटे के नाम पर क्रयपत्र के जरिए इसे रजिस्ट्री करवा लिया, जिससे वे और उनकी बहनें सिन्धु कसारे व सरिता पठाडे बेदखल हो गए। पीड़ित ने बताया कि वह शारीरिक रूप से कमजोर और बेरोजगार हैं। जीविका के लिए वह अपनी हिस्से की जमीन पर खेती कर रहे थे, लेकिन 27 अक्टूबर 2024 को गौतम पवार और ममता पवार ने जबरन उनकी सोयाबीन की फसल काट ली। इसकी शिकायत गंज थाना बैतूल में दर्ज करवाई गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

अब एक बार फिर, 31 मार्च 2025 को गौतम पवार, ममता पवार और गुरदीन राठौर (खण्डारा किला) ने उनकी गेहूं की फसल काट ली और 1 अप्रैल 2025 को उसे थ्रेशिंग के लिए जमा कर दिया। जब सिद्धार्थ बुआड़े ने उन्हें रोका, तो उसे जान से मारने की धमकी देकर खेत से भगा दिया गया। पीड़ित ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि उसकी गेहूं की फसल, जो लगभग 35 क्विंटल होगी, उसे वापस दिलाई जाए, क्योंकि यह उसके जीवन-यापन का एकमात्र सहारा है। उसने यह भी कहा कि वह शारीरिक अक्षमता और गरीबी के कारण कोई काम नहीं कर सकता और गांव के दादा के पुराने, मकान में अकेले रहता है। अब वह बार-बार शिकायत करने की स्थिति में नहीं है और उसने प्रशासन से या तो न्याय दिलाने या इच्छामृत्यु की अनुमति देने की अपील की है। पीड़ित ने गंज थाना, पुलिस अधीक्षक बैतूल और न्यायालय से स्टे ऑर्डर की प्रतियां संलग्न करते हुए अपनी शिकायत कलेक्टर जनसुनवाई में दी है।

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