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Betul Ki Khabar: बैतूल में स्थानीय ठेकेदारों की अनदेखी पर उठे सवाल: केंद्रीय राज्य मंत्री को सौंपा ज्ञापन

By Devika Ughade

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Betul Ki Khabar: बैतूल में स्थानीय ठेकेदारों की अनदेखी पर उठे सवाल: केंद्रीय राज्य मंत्री को सौंपा ज्ञापन
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Betul Ki Khabar: बैतूल। ऐड सेफ्टी स्क्वाड प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर और पूर्व सैनिक नरेश मालवीय ने केंद्रीय राज्य मंत्री को ज्ञापन सौंपते हुए बैतूल जिले में निविदाओं में स्थानीय ठेकेदारों को प्राथमिकता देने की मांग की है। उनका आरोप है कि जिले में निकलने वाली निविदाओं में स्थानीय ठेकेदारों को नजरअंदाज किया जा रहा है, जिससे गंभीर अनियमितताएं सामने आ रही हैं।

नरेश मालवीय का कहना है कि उनकी कंपनी ऐड सेफ्टी स्क्वाड प्राइवेट लिमिटेड वल्लभ भवन से मान्यता प्राप्त है, पिछले कई सालों से बैतूल जिले में निविदाओं में भाग ले रही है। उन्होंने बताया कि बैतूल जिले के विभिन्न सरकारी विभाग निविदाओं में स्थानीय ठेकेदारों को प्राथमिकता नहीं दे रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि नियम और शर्तों को इस तरह से तैयार किया जाता है कि स्थानीय एवं छोटे ठेकेदार निविदा में सफल नहीं हो पाते।

अन्य जिलों में प्राथमिकता, बैतूल में नहीं (Betul Ki Khabar)

मालवीय ने अपने ज्ञापन में बताया कि भोपाल, इंदौर, जबलपुर, कटनी, और ग्वालियर जैसे जिलों और महानगरों में स्थानीय ठेकेदारों को प्राथमिकता दी जाती है। उदाहरण के लिए, भोपाल के निविदाओं में भोपाल के स्थानीय ठेकेदारों को प्राथमिकता दी जाती है, जबकि बैतूल जिले में ऐसी कोई प्राथमिकता नहीं है। उन्होंने बताया कि बैतूल जिले के सरकारी अस्पताल, केंद्रीय विद्यालय, रेडियो स्टेशन और अन्य विभाग भी बाहरी ठेकेदारों को ही ठेका देते हैं, जबकि स्थानीय ठेकेदार पात्र होते हुए भी अनदेखी का शिकार होते हैं।

शिकायत के आधार पर जांच की मांग (Betul Ki Khabar)

मालवीय ने बताया कि उन्होंने इस समस्या की शिकायत कलेक्टर महोदय से की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब उन्होंने केंद्रीय राज्य मंत्री से इस मामले की उचित जांच करवाने और बैतूल जिले के ठेकेदारों को इस असुविधा से राहत दिलाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि स्थानीय ठेकेदारों को प्राथमिकता देने से न केवल जिले का विकास होगा बल्कि स्थानीय रोजगार भी बढ़ेगा। (Betul Ki Khabar)

स्थानीय ठेकेदारों की अनदेखी के उदाहरण

– प्रभातपट्टन का टेंडर, जिसमें उड़ीसा का लाइसेंस मांगा गया है।

– बैतूल आकाशवाणी का टेंडर, जिसमें जबलपुर में रजिस्टर्ड ऑफिस का गुमास्ता लाइसेंस मांगा गया है।

– भोपाल का टेंडर, जिसमें भोपाल के स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी गई है।

– जबलपुर का टेंडर, जिसमें जबलपुर के स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी गई है।

नरेश मालवीय का कहना है यदि इस मामले की जांच सही तरीके से की जाती है और स्थानीय ठेकेदारों को प्राथमिकता दी जाती है, तो यह बैतूल जिले के विकास के साथ स्थानीय रोजगार सृजन के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होगा। (Betul Ki Khabar)

Devika Ughade

ऑनलाइन न्‍यूज पोर्टल पर लंबे समय से कार्य कर रही हूं। मुझे इंटरटेनमेंट, वायरल, ट्रेंडिग पोस्‍ट बनाने का 2 साल का अनुभव है। मैने बैतूलअपडेट, ताप्‍ती दर्शन, सांझवीर, यथार्थ योद्धा वेबसाइट पर काम किया है। अब मैं बैतूल मिरर के साथ जुड़ी हूं।

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