Betul Ki Khabar: आवास का सपना अधूरा, दबंगों की मनमानी से हितग्राही बेबस

Betul Ki Khabar: The dream of housing is incomplete, the beneficiaries are helpless due to the arbitrariness of the powerful.

Betul Ki Khabar: बैतूल। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत स्वीकृत मकान बनाने का सपना देख रहे हितग्राहियों को दबंगों द्वारा लगातार धमकियों और मारपीट का सामना करना पड़ रहा है। यह मामला गुल्लरढ़ाना गांव का है, आवेदकों ने कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाई है।
आवेदक रामकिशोर का कहना है कि उनके सगे चाचा कायटा पिता नंदा, संतोष पिता कायटा और काड़मा पिता कालिया मकान बनाने में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं। इन दबंगों ने आवेदक और उसकी बहन के साथ मारपीट भी की है। रामकिशोर ने पटवारी पर भी भेदभाव का आरोप लगाया है और कहा कि न्यायालय से उनके पक्ष में फैसला आने के बावजूद पुलिस अवैधानिक तरीके से कायटा का समर्थन कर रही है और उन्हें जेल में डालने की धमकी दे रही है।

आवेदिका मंगराय ने बताया कि उक्त जमीन उनके और उनके परिवार के नाम पर है, जिसमें उनका नाम, उनके भाई रामकिशोर और उनकी मां लखमाय बेवा भूरिया का नाम अंकित है। इस जमीन का पट्टा उनके पास है और खसरा नंबर 71 रकबा 0.1290 हे. है। इसके बावजूद, दबंगों द्वारा जेसीबी लगाकर मकान तोड़ने और जान से मारने की धमकी दी जा रही है।

Betul Ki Khabar: आवास का सपना अधूरा, दबंगों की मनमानी से हितग्राही बेबस

मंगराय ने बताया कि उन्होंने तहसील कोर्ट और एसडीएम कोर्ट में केस दर्ज करवाया था, जिसका निर्णय उनके पक्ष में हुआ है। इसके बावजूद, दबंगों द्वारा लगातार धमकियां दी जा रही हैं और मकान बनाने में बाधा डाली जा रही है। इस मामले की शिकायत मंगराय और रामकिशोर ने झल्लार पुलिस एवं एसपी से भी की, लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। आवेदक ने कलेक्टर से इस मामले की उचित जांच कर आरोपी के विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही करने की अपील की है और न्याय की मांग की है।

प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत स्वीकृत मकान हितग्राहियों के जीवन में सुधार लाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है, लेकिन दबंगों की हरकतों के कारण वे अपने हक का मकान नहीं बना पा रहे हैं। रामकिशोर और मंगराय का कहना है कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद प्रशासन की निष्क्रियता ने उन्हें हताश कर दिया है। अब वे मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय तक अपनी शिकायत पहुंचाने की तैयारी में हैं, ताकि उन्हें न्याय मिल सके और उनका मकान निर्माण पूरा हो सके।

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