Betul Ki Khabar: बैतूल। घोड़ाडोंगरी के पूर्व विधायक मंगल सिंह उइके के नेतृत्व में चोपना क्षेत्र के ग्रामीणों ने केंद्रीय मंत्री डी डी उइके से मुलाकात की और क्षेत्र में पट्टे की समस्याओं को लेकर अपनी पीड़ा व्यक्त की। ग्रामीणों ने बताया कि पुनर्वास क्षेत्र में पट्टों को लेकर अधिक संख्या में लोग समस्याग्रस्त हैं। जिनके पास पट्टा है, वे या तो जमीन से वंचित हैं या उस पट्टे पर दर्ज जमीन पर कोई अन्य काबिज है। जबकि बीते 40-50 वर्षों से कई परिवार मात्र प्रमाण पत्र के सहारे जमीन पर काबिज हैं, उनके दिलो-दिमाग में यह भय है कि भविष्य में उनके पट्टे नहीं बने तो प्रमाण पत्र के आधार पर यह सिद्ध करना कठिन हो जाएगा कि जमीन का असली मालिक कौन है।
ग्रामीणों ने कहा कि नकली प्रमाण पत्र भी उनके भविष्य में रोड़ा डालने का काम कर रहे हैं। ग्रामीणों ने मौखिक रूप से कहा कि प्रत्येक गांव में अथवा पटवारी हल्का के अनुसार पट्टे को लेकर शासन द्वारा विधिवत शिविर लगवाकर इस समस्या को शून्य प्रतिशत तक हल किया जाए अन्यथा भविष्य में जमीन को लेकर गंभीर विवाद उपजेंगे और बड़ी मुसीबत बन जाएगी। जन धन की हानि से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। (Betul Ki Khabar)
Betul Ki Khabar: चोपना क्षेत्र के ग्रामीणों की पट्टे संबंधी समस्याओं का जल्द होगा निराकरण
पूर्व विधायक मंगल सिंह ने ग्रामीणों की समस्याओं को सुनकर राज्य मंत्री को अवगत कराया और राज्य मंत्री ने कलेक्टर बैतूल से चर्चा कर इस समस्या के निराकरण के लिए एसडीएम, वन मंडलाधिकारी, तहसीलदार और जागरूक क्षेत्रीय ग्रामीणों की कमेटी बनाकर मामले का निराकरण खोजने की कोशिश करने को कहा है। इसके अलावा क्षेत्र के प्रत्येक पटवारी हल्के का निरीक्षण विधिवत तरीके से कराने, प्रत्येक गांव में समस्या निवारण शिविर लगाने, शासन की ओर से प्रदत्त 5 एकड़ भूमि से ज्यादा निकलने पर विधिवत जांच करने और गलत पाए जाने पर कार्यवाही करने की बात कही गई है। दबंगों के शासकीय भूमि से कब्जे हटाने की भी बात कही गई है। (Betul Ki Khabar)
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जातिगत जनगणना में शामिल करने की मांग
इस क्षेत्र की दूसरी बड़ी समस्या जातिगत जनगणना में यहाँ के लोगों को शामिल करना है। मध्य प्रदेश की जातिगत जनगणना में बंगालियों को शामिल करना, उन्हें जातीय आधार पर आरक्षण और शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए। जिससे वे वंचित रह गए हैं। हालांकि यह मुद्दा केंद्रीय स्तर पर वर्तमान सांसद और केंद्रीय मंत्री दुर्गादास उइके द्वारा उनके पिछले कार्यकाल में संसद में उठाया गया है। किन्तु अब तक इस मुद्दे पर कोई ठोस निर्णय या कार्यवाही नहीं हुई है। पूर्व विधायक मंगल सिंह ने राज्य मंत्री से आग्रह किया कि इन समस्याओं का निराकरण शीघ्र हो ताकि ग्रामीणों को राहत मिल सके और उनके भविष्य की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। (Betul Ki Khabar)